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आधार कार्ड के बिना CET में रजिस्ट्रेशन पर 1000 रुपये की फीस, विपक्ष ने किया विरोध

चंडीगढ़। हरियाणा में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी भर्तियों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) के संशोधित नियमों पर भी विवाद खड़ा हो गया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आधार और परिवार पहचान पत्र वाले सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 500 रुपये और आधार-पीपीपी नहीं होने पर शुल्क एक हजार रुपये रखा गया है, जो तर्कसंगत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त कर चुका है तो प्रदेश सरकार किस आधार पर अलग-अलग फीस निर्धारित कर रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि संशोधित पॉलिसी में अभ्यर्थियों की कोई तर्कपूर्ण बात नहीं मानी गई। सीईटी पास करने वाले सभी युवाओं को ग्रुप सी व ग्रुप डी की नौकरियों में भर्ती होने का मौका मिलना चाहिए। पदों की संख्या से केवल 10 गुणा उम्मीदवारों को बुलाने का नियम गलत है।

अगर किसी युवा ने कड़ी मेहनत व सालों के इंतजार के बाद सीईटी पास कर लिया तो उसे चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने से क्यों रोका जा रहा है। सरकार ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि जो 10 गुना युवा चयन प्रक्रिया में बुलाए जाएंगे, वे पदों से 10 गुना होंगे या कैटेगरी की कुल पोस्ट के 10 गुना होंगे।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि तकनीकी और मेडिकल पदों को सीईटी में शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि इन भर्तियों का सिलेबस व मापदंड दूसरी भर्तियों से बिल्कुल अलग होता है। टेक्निकल व नॉन-टेक्निकल भर्तियों को समान दृष्टि से नहीं आंका जा सकता। फिर भी सीईटी में टेक्निकल भर्तियों को शामिल कर दिया गया है। पॉलिसी में खामियों के चलते भर्तियां फिर अदालती पचड़ों में फंस सकती हैं।

पीएम मोदी करेंगे परीक्षा पर चर्चा
वार्षिक परीक्षाओं में विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र देने के लिए हर वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में भी प्रधानमंत्री परीक्षा पर चर्चा के दौरान विद्यार्थियों से सीधा संवाद करेंगे और उनके सवालों का जवाब देंगे।

इसी कड़ी में शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेशभर से विद्यार्थी व उनके अभिभावकों के साथ अध्यापकों को आनलाइन प्रतियोगिता में पंजीकरण करने की मुहिम शुरू की थी।
मगर अध्यापक परीक्षा पर चर्चा के दौरान आनलाइन प्रतियोगिता में पंजीकरण के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। अध्यापकों की उदासीनता पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जाहिर की है।
 

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