मध्यप्रदेशराज्य

सफेद हाथी बनी योजनाएं बंद करेगी सरकार

भोपाल । प्रदेश में लगातार कई योजनाओं को बंद किया जा चुका है तो, कई योजनाओं को बंद किया जा रहा है। नए वित्त वर्ष के तैयार होने वाले बजट में ऐसी दस योजनाओं का अब उल्लेख नहीं होगा। इसकी वजह है वित्त विभाग ने ऐसी दस योजनाओं को चिहिन्त किया है, जो अब पूरी तरह से अनुपयोगी हो चुकी हैं। ये योजनाएं सरकार के लिए सफेद हाथी बन गई हैं। वित्त विभाग को इन योजनाओं के बारे में नए बजट के लिए की जा रही कवायद के दौरान इसका पता चला है।
दरअसल, नए बजट को जीरो बेस्ड बजटिंग प्रक्रिया के आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए एक-एक बिंदु का विश्लेषण किया जा रहा है। वित्त विभाग के उप सचिव अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बजट संबंधी चर्चा की रिपोर्ट प्रमुख सचिव वित्त को सौंप चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि चर्चा में सामने आया कि विभिन्न विभागों की ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनका अब कोई उपयोग नहीं रह गया है। यह वे योजनाएं हैं जिनके लिए बीते सालों में राशि का इंतजाम किया जाता रही है। यही वजह है कि ऐसी योजनाओं को बंद करने के लिए गंभीरता से काम किया जा रहा है। दरअसल जिन विभागों की यह योजनाएं हैं उन्हें बंद करने के लिए अभी तक संबंधित विभागों  ने बंद करने की कोई पहल नहीं की है।  इसकी वजह से इस बार वित्त विभाग को इसके लिए पहल करनी पड़ रही हैं। बजट को लेकर अब सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की चर्चा होगी। इसमें इन अनुपयोगी योजनाओं को बंद करने के संबंध में चर्चा की जाएगी। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, वन, उच्च शिक्षा, कृषि, श्रम विभाग आदि में कुछ ऐसी योजनाएं सामने आई हैं, जो समसामयिक नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि आगामी बजट में विभिन्न योजनाओं और मदों में बजट की गणना जीरो से किए जाने के कारण बजट की कुल राशि कम होने की बात कही जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं होगा, क्योंकि यदि किसी योजना या मद में राशि कम होती है, तो दूसरी योजना में राशि बढ़ भी सकती है। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान 3 लाख 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है। मप्र सरकार का वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपए था।

विभागों को इसी हफ्ते जारी होगी राशि
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट पारित होने के बाद , राज्यपाल की भी मंजूरी मिल चुकी है। वित्त विभाग प्रथम अनुपूरक बजट में किए गए प्रावधानों के अनुसार एक-दो दिन में विभागों को राशि जारी कर देगा। मप्र सरकार ने 17 दिसंबर को चालू वित्त वर्ष के लिए सदन में 22 हजार 460 करोड़ 18 लाख 6 हजार 621 रुपए का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया था। अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद इसे 18 दिसंबर को विधानसभा में पारित किया गया था। प्रथम अनुपूरक बजट में राजस्व मद में 13 हजार 130 करोड़ रुपए और पूंजीगत मद में 9 हजार 329 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नर्मदा घाटी विकास, जल संसाधन, लोक निर्माण, नगरीय विकास, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जैसे विभागों के लिए बड़ी राशि का इंतजाम किया गया है।

राजस्व संग्रहण बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करें
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने हाल में अधिकारियों के साथ बैठक कर राजस्व संग्रहण की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में वित्त, वाणिज्यिक कर व परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के जरिए सीएस जैन के समक्ष राजस्व संग्रहण की जानकारी प्रस्तुत की। जैन ने अधिकारियों से राजस्व संग्रहण में और वृद्धि के लिए लीकेज रोकने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। उन्होंने जीएसटी, एक्साइज और परिवहन में राजस्व संग्रहण में वृद्धि पर ज्यादा जोर दिया। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राजस्व संग्रहण की स्थिति की समीक्षा करेंगे।

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