बिलासपुर: शासन ने महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की तिथि में बदलाव किया है। पहले यह आरक्षण 27 दिसंबर 2024 के लिए निर्धारित था, लेकिन अब यह 7 जनवरी 2025 को किया जाएगा। इस बदलाव के कारण नगर निगम और पंचायत चुनाव से जुड़ी तैयारियों में कुछ बदलाव हो सकते हैं, जिससे एक बार फिर चुनावी गलियारों में हलचल मच गई है।
28 दिसंबर को पूरी होगी प्रक्रिया
इस बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जिले की 486 ग्राम पंचायतों के 7200 से अधिक वार्डों के लिए पंच और सरपंच के आरक्षण की प्रक्रिया 28 दिसंबर को पूरी की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने जनपद पंचायत स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार कोटा और तखतपुर ब्लॉक का समीकरण पहले की तुलना में बिगड़ सकता है, क्योंकि जीपीएम जिले के अलग होने के बाद दोनों क्षेत्रों में नई ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आई हैं।
नए जिले के गठन के बाद इस बार जीपीएम में नए सिरे से चुनाव प्रक्रिया होगी। जनसंख्या और विकास को लेकर तखतपुर और कोटा ब्लॉक में नई ग्राम पंचायतों की जरूरत महसूस की जा रही थी। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए तखतपुर ब्लॉक में विचारपुर और जोगीपुर को नई ग्राम पंचायत बनाया गया है, जबकि कोटा ब्लॉक में बछालीखुर्द को नई ग्राम पंचायत बनाया गया है।
166 पंचायतें और 2470 वार्ड जीपीएम में शामिल
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव वर्ष 2019-20 में 649 ग्राम पंचायतों के 9682 वार्डों के लिए आरक्षण प्रक्रिया की गई थी, लेकिन अब गौरेला, पेंड्रा और मरवाही के अलग-अलग जिले बनने के बाद बिलासपुर जिले में बदलाव हुआ है। इस बदलाव के बाद बिलासपुर से 5 जनपद सदस्य और 166 ग्राम पंचायतें और 2470 वार्ड अलग हो गए हैं। अब इन नए समीकरणों के बीच कोटा और तखतपुर क्षेत्र में जोड़ी गई तीन नई पंचायतें भी आरक्षण प्रक्रिया में शामिल होंगी, जिससे समीकरण और उलझ गए हैं।
चार ब्लॉकों में पंचायतों की स्थिति
बिल्हा ब्लॉक 127 ग्राम पंचायतें, उनमें 1927 वार्ड।
मस्तूरी ब्लॉक 131 ग्राम पंचायतें और 1951 वार्ड।
कोटा ब्लॉक 104 ग्राम पंचायतें और 1529 वार्ड।
तखतपुर ब्लॉक 124 ग्राम पंचायतें और 1805 वार्ड।