धर्म

खरमास कब होगा समाप्त? इस पूरे 1 महीने भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, होगा अशुभ, इन कार्यों को करने से मिलेगा शुभ फल

इस साल खरमास 15 दिसंबर से शुरू हो चुका है. खरमास में कोई भी शुभ कार्य करने से मनाही होती है. इस साल 15 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी 2025 को खरमास समाप्त होगा. तब तक कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी-ब्याह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं की जाती है. अगर कोई करता है, तो उसे शुभ नहीं अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है. आप चाहते हैं कि आपके साथ कोई अनहोनी ना हो तो जान लें कि खरमास में क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए.

खरमास क्या है? (What is Kharmas)
ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव कहते हैं कि सूर्य देव जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब धनु संक्रांति होती है. इसी राशि परिवर्तन और धनु संक्रांति पड़ने से खरमास महीने की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान भगवान सूर्य धनु राशि में ही रहते हैं. इसी के बाद मकर संक्रांति मनाई जाएगी. खरमास के समाप्त होते ही आप सभी मांगलिक और शुभ कार्यों को कर सकते हैं. शादी-ब्याह भी की जाएगी. जब धनु राशि से मकर राशि में भगवान सूर्य प्रवेत करते हैं तो मकर संक्रांति सेलिब्रेट किया जाता है.

खरमास में क्या करना चाहिए (kharmas me kya karna chahiye)

खरमास के महीने में पूजा-पाठ प्रतिदिन करते रहना चाहिए. मंत्रों का जाप करना चाहिए. इन शुभ कार्यों को करने से आपको कई लाभ हो सकते हैं. प्रतिदिन सूरज भगवान की पूजा करने से विशेष लाभ होगा. जल से अर्घ्य दें, सूर्य मंत्रों का जाप करें. इस पूरे महीने आप कृष्ण भगवान, विष्णु भगवान की भी पूजा करनी चाहिए. आपके जीवन में मौजूद सभी दुख-दर्द, परेशानी दूर होंगी और इच्छाओं की पूर्ति होगी. बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम होने से आप इनकी भी पूजा और मंत्रों का जाप कर सकते हैं. आपके बिगड़े कार्य होंगे पूरे. यदि आप खरमास में तुलसी मां की पूजा करें और शाम में तुलसी पौधे के पास दीपक जलाते हैं तो घर में सुख-समृद्धि आती है. घर में शांति बरकरार रहती है. इस पूरे महीने आपको बिस्तर का त्याग कर देना चाहिए और फर्श पर गद्दे बिछाकर सोएं. स्टील, कांच आदि बर्तनों में भोजन करने की बजाय पत्तलों में खाना भी शुभ माना गया है.

खरमास में क्या नहीं करना चाहिए? ( kharmas me kya nahi karna chahiye)

– आप चाहते हैं कि आपके घर सुख-समृद्धि आए, बरकत हो, तरक्की हासिल हो तो आप खरमास महीने में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें. कोई भी नए व्यापार की शुरुआत न करें. किसी से बिजनेस डील न करें. शादी-ब्याह, घर खरीदना, गृह प्रवेश, मुंडन, जमीन, वाहन, रत्न, गहने, कपड़े आदि खरीदने से परहेज करें.

– जनेऊ संस्कार से भी बचना चाहिए. यदि आप शादी-ब्याह कर लेते हैं तो हो सकता है कि आगे चलकर आपके जीवन में परेशानियां उत्पन्न हो जाएं. आपके रिश्ते में खटास आ जाए. दांपत्य जीवन में नेगेटिव प्रभाव देखने को मिल पाता है. बेहतर है कि आप कोई भी मांगलिक कार्य खरमास समाप्त होने के बाद ही करें.

– खरमास के दौरान तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए. ऐसे में मांस-मछली, प्याज, लहसुन, शराब, धूम्रपान करने से बिल्कुल भी परहेज करें.

– बेटी की शादी हुई है और खरमास पड़ गया है तो उसे इस दौरान अपने घर से विदा करने से भी बचना चाहिए. विदाई का शुभ कार्य खरमास लगने से पूर्व या समाप्त होने के बाद ही करें.

-यदि आपके घर कोई दुखियारा, गरीब, जरूतमंद या भिखारी आकर कुछ मांगता है तो उसे बुरा और अपशब्द करने से भी बचना चाहिए. डांटकर भगाने से बचें. ऐसा करना आपके लिए अशुभ होगा.

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